देखने गया था समंदर पर खो गया था लेहरो के अन्दर समय बीतता गया लेहरो को देखने में बस खो ही गया इन लेहरो के खेल में देखने गया था समंदर पर खो गया था लेहरो के अन्दर हर क्षण एक नयी लहर करती मौलिक अभिव्यक्ति मानो उत्तम रचना करती क्षण क्षण नयी सृष्टि मुग्ध हो गया इन लेहरो की उमंग में बस खो ही गया इन लेहरो के खेल में देखने गया था समंदर पर खो गया था लेहरो के अन्दर आश्चर्य चकित हूँ सहज बालक जैसे शब्दकोश भी अब खाली हो गया करू वर्णन कैसे भूल ही गया दरिया को लहरो की अटखेलियों में बस खो ही गया इन लेहरो के खेल में देखने गया था समंदर पर खो गया था लेहरो के अन्दर और अचानक सत्य की सूर्यकिरण सांसो के द्वार आ खड़ी स्वप्नमय लहरो की नींद भाग गयी देख सत्य-प्रकाश की छड़ी अब...
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